Sarojini naidu biography in hindi font download
Sarojini Naidu Biography in Hindi: सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय
भारतीय कोकिला जिसने अपनी रचनाओं के साथ लाख दिलों को छुआ, वह एक महान कवयित्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और एक कुशल राजनीतिज्ञ थी। वहीं उन्हें ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ (INC) की पहली महिला प्रेसिडेंट भी बनाया गया था और वर्ष तक वे इस पद पर बनी रहीं। इसके अलावा, वह भारत की प्रथम महिला राज्यपाल भी थी। हम बात कर रहे हैं सरोजिनी नायडू की जिन्होंने भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका अदा की थी। आइए जानते है Sarojini Naidu Biography in Hindi के बारे में विस्तार से।
पूरा नाम | सरोजिनी चट्टोपाध्याय |
जन्म | 13 फरवरी |
जन्म स्थान | हैदराबाद |
माता | वारद सुंदरी देवी |
पिता | डॉक्टर अघोरनाथ चट्टोपाध्याय |
विवाह | डॉक्टर गोविंद राजुलू नायडू |
बेटे बेटी | पद्मजारणधीरलीलामणिजय सूर्या |
मृत्यु | 2 मार्च |
पुरस्कार उपाधि | केसर ए हिंद |
रचनाएं | द गोल्डन थ्रेसोल्ड बोर्ड ऑफ टाइम ब्रोकन विंग |
विद्यालय | मद्रास विश्वविद्यालय किंग कॉलेज लंदन गर्टन कॉलेज कैंब्रिज |
सरोजिनी नायडू का प्रारंभिक जीवन Sarojini Naidu Narrative in Hindi
13 फरवरी को सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम अघोरनाथ चट्टोपाध्याय था , वह एक वैज्ञानिक और शिक्षा शास्त्री थे। उनके पिता ने हैदराबाद के निजाम कॉलेज की स्थापना की थी। सरोजिनी नायडू की माता का नाम वरदा सुंदरी था, वह कवियत्री थी और इसके साथ बांग्ला भाषा में कविता भी लिखती थी। सरोजिनी नायडू अपने आठ भाई बहनों में से सबसे बड़ी थी।
सरोजिनी नायडू परिवार के सभी सदस्य देश प्रेमी थे। उनके एक भाई का नाम धीरेंद्र नाथ था जो क्रांतिकारी थे। उनके दूसरे भाई का नाम हरिंद्रनाथ था ,वह कवि, कथाकार और कलाकार थे। सरोजिनी नायडू बहुत ही होनहार छात्रा थी , वह उर्दू ,इंग्लिश ,बांग्ला ,तेलुगू ,फारसी जैसे अन्य भाषाओं में निपुण थी।
- सरोजिनी नायडू जब 12 वर्ष की थी तब उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी।
- सरोजिनी नायडू में मद्रास प्रेसिडेंसी में पहला स्थान हासिल किया था।
- सरोजिनी नायडू के पिता की यह इच्छा थी कि वह बड़ी होकर गणितज्ञ या वैज्ञानिक बनें। परंतु सरोजिनी नायडू की रुचि कविता में ही थी।
- 16 साल की उम्र में सरोजिनी नायडू हायर एजुकेशन के लिए इंग्लैंड चली गईं। वहाँ उन्होंने किंग कॉलेज लंदन और कैंब्रिज के गिरटन कॉलेज में शिक्षा हासिल की थी।
- लंदन में वह अर्थर साइमन और एंडमंड गोडसे प्रतिष्ठित कवि से मिली थी। सरोजिनी नायडू को एंडमंड ने भारतीय विषय को ध्यान में रखकर लिखने की सलाह दी थी।
- इंडमंडंं ने सरोजिनी नायडू को भारत देश के पर्वतों, मंदिरों, नदियों और उनके सामाजिक परिवेश के बारे में अपनी कविता में समाहित करने के लिए प्रेरणा दी थी।
यह सिर्फ सरोजिनी नायडू का प्रारंभिक जीवन परिचय था आगे Sarojini Naidu History in Hindi में उस कृतज्ञ महिला के करियर के बारे में आगे बताया गया है, Sarojini Naidu Biography in Sanskrit पढ़ना जारी रखें-
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सरोजिनी नायडू का करियर
सरोजिनी नायडू (Sarojini Naidu Biography in Hindi) जब 15 साल की थी तब वो डॉक्टर गोविंद राजालु नायडू से मिली थी। डॉक्टर गोविंद राजालु नायडू एक गैर ब्राह्मण और पेशे से डॉक्टर थे।19 साल की उम्र में सरोजिनी नायडू का विवाह गोविंद राजालु से हो गया था। उन्होंने अंतरजातीय विवाह किया था जो उस समय के दौर में माननीय नहीं था। यह एक प्रकार का क्रांतिकारी कदम था परंतु इस कदम में उनके पिता ने उन्हें पूरा सहयोग किया था।
- द गोल्डन थेशहोल्ड
- द वर्ल्ड ऑफ टाइम
- द ब्रोकन विंग
सरोजिनी नायडू का वैवाहिक जीवन बहुत ही सुखमय था , उन्होंने 4 बच्चों को जन्म दिया था।
- जय सूर्या
- पदमज
- रणधीर
- लीलामणि
वर्ष में सरोजिनी नायडू बंगाल विभाजन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हुई थी। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान वह कई सारे लोगों से मिली थी। जिन्हें नीचे दिए गए बिंदुओं में बताया गया हैं:-
- गोपाल कृष्ण गोखले
- रवींद्रनाथ टैगोर
- मोहम्मद अली जिन्ना
- एनी बेसेंट
- सीपी रामास्वामी अयर
- गांधीजी
- जवाहरलाल नेहरू
सरोजिनी नायडू ने भारत की महिलाओं के लिए सशक्तिकरण और अधिकार के लिए आवाज उठाई थी। उन्होंने भारत देश में छोटे गांव से लेकर बड़े शहरों तक पूरे राज्य में हर जगह महिलाओं को जागरूक किया था। सरोजिनी नायडू वर्ष में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में अध्यक्ष के पद पर चुनी गई थी। गांधीजी के सविनय अवज्ञा आंदोलन में वह उनके साथ जेल भी गई थी। भारत छोड़ो आंदोलन में वर्ष में सरोजिनी नायडू को 21 महीने के लिए जेल भी जाना पड़ा था। सरोजिनी नायडू का महात्मा गांधी जी के साथ बहुत ही मधुर प्रकार का संबंध था, वह उन्हें मिकी माउस कह कर पुकारती थी। सरोजिनी नायडू एक पहली महिला थी जो स्वतंत्रा के बाद राज्यपाल बनी थी। उत्तर प्रदेश राज्य के राज्यपाल घोषित होने के बाद वह लखनऊ राज्य में बस गई थी।
सरोजिनी नायडू का राजनितिक जीवन
- शादी के बाद भी Sarojini Naidu ने अपना लेखन कार्य जारी रखा था।
- वह बहुत ही सुंदर कविताएं लिखा करती थी , जिसे लोग गीत के रूप में इस्तेमाल करते थे।
- उनकी कविता बुलबुले वर्ष में प्रकाशित हुई थी।
- Sarojini Naidu अंग्रेजी भाषा में भी कविता लिखा करती थी परंतु उनकी कविताओं में भारत देश की रूपरेखा झलकती थी।
- Salt Satyagraha के दौरान उन्होंने महात्मा गांधी जी के साथ मिलकर आंदोलन चलाया था।
- जब महात्मा गांधी जी को गिरफ्तार कर लिया था उसके बाद Sarojini Naidu ने अपने ऊपर पूरी जिम्मेदारी ले ली थी, वह उनका सब काम संभालती थी।
- भारत छोड़ो आंदोलन में उन्होने अपनी भूमिका निभाई थी।
जानिए सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर क्यों मनाते हैं महिला दिवस
भारत में हर साल 13 फरवरी को सरोजिनी नायडू की जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। वह हमारे देश की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा थी। सरोजिनी नायडू एक स्वतंत्रता आंदोन की एक राजनीतिज्ञ कार्यकर्ता होने के साथ-साथ कवियत्री भी थीं। उन्हें भारत कोकिला (नाइटिंगेल ऑफ इंडिया) कहा जाता है। अपने संपूर्ण जीवन में सरोजिनी नायडू ने महिलाओं की स्वतंत्रता के बहुत से कार्य किए थे और समाज में जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया था। उन्होंने वर्ष में महिला भारतीय संघ (WIA) की स्थापना में मदद की। सरोजिनी नायडू द्वारा योगदान वाली भारत की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। हमारा देश निश्चित रूप से महिलाओं को उनके अधिकार प्रदान करने के लिए विकसित हुआ है, जिसकी वे हकदार हैं। फिर भी, हमें अभी एक लंबा रास्ता तय करना है।
अपने करियर में भावुक सरोजिनी नायडू
12 साल की उम्र में, सरोजिनी नायडू ने हैदराबाद के निज़ाम को अपने नाटक- महेर मुनीर के साथ फारसी में लिखा। एक शिक्षित और प्रोत्साहित परिवार होने के बाद, वह अपने जुनून में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए हर अवसर का उपयोग करती थी। उन्होंने राजनीतिक दुनिया जरूर चुनी लेकिन अपने करियर के किसी भी हिस्से में अपनी छाप को कम किए बिना, लगातार लिखती रही।उनके साहित्यिक कार्यों को दुनिया भर में विभिन्न लोगों द्वारा सराहा जाता है। उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाओं में “हैदराबाद के बाज़ारों में”, “द गोल्डन थ्रेशोल्ड”, द बर्ड ऑफ़ टाइम, द क्वीन्स राइवल, द रॉयल टम्ब्स ऑफ़ गोलकोंडा आदि शामिल हैं।
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सरोजिनी नायडू जी की कविताएं
(Poem1) The Gift of India – Chauvinistic Poem by Sarojini Naidu
क्या यह जरूरी है कि मेरे हाथों में
अनाज या सोने या परिधानों के महंगे उपहार हों?
ओ !
मैंने पूर्व और पश्चिम की दिशाएं छानी हैं
मेरे शरीर पर अमूल्य आभूषण रहे हैं
और इनसे मेरे टूटे गर्भ से अनेक बच्चों ने जन्म लिया है
कर्तव्य के मार्ग पर और सर्वनाश की छाया में
ये कब्रों में लगे मोतियों जैसे जमा हो गए।
वे पर्शियन तरंगों पर सोए हुए मौन हैं,
वे मिश्र की रेत पर फैले शंखों जैसे हैं,
वे पीले धनुष और बहादुर टूटे हाथों के साथ हैं
वे अचानक पैदा हो गए फूलों जैसे खिले हैं
वे फ्रांस के रक्त रंजित दलदलों में फंसे हैं
क्या मेरे आंसुओं के दर्द को तुम माप सकते हो
या मेरी घड़ी की दिशा को समझ करते हो
या मेरे हृदय की टूटन में शामिल गर्व को देख सकते हो
और उस आशा को, जो प्रार्थना की वेदना में शामिल है?
और मुझे दिखाई देने वाले दूरदराज के उदास भव्य दृश्य को
जो विजय के क्षति ग्रस्त लाल पर्दों पर लिखे हैं?
जब घृणा का आतंक और नाद समाप्त होगा
और जीवन शांति की धुरी पर एक नए रूप में चल पड़ेगा,
और तुम्हारा प्यार यादगार भरे धन्यवाद देगा,
उन कॉमरेड को जो बहादुरी से संघर्ष करते रहे,
मेरे शहीद बेटों के खून को याद रखना!
Poem 2
Poem 3
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Poem 4
The Village Song in Sanskrit -Sarojini Naidu
प्रिय बच्ची प्रिय बच्ची तुम कहां जा रही हो?
क्या तुम अपने सारे गहने बहती हुई हवा में फेंक दोगी?
क्या तुम उस मां को छोड़ कर चली जाओगी जिसने तुम्हें सोने के समान अनाज खिलाए हैं?
मां मेरी मैं उस जंगली बन मे जा रही हूं जहां पर चंपा की कलियां, चम्पा की टहनियों पर खिल रही है।
और उन नदी के टापूओं पर जहां कोयल गाती है और कमल की कलियां चमक रही है।
और परियों ‘ओ सुनो’ कहकर बुला रही हैं।
बच्ची संसार आनंद, शहनाई के गीत, लोरिया के गीत तथा चंदन से सुगंधित विलासिता से भरपूर है।
तुम्हारे विवाह के चांदी और केसरिया रंग के चमकते हुए कपड़े करघे पर हैं।
तुम्हारे विवाह के केक भट्टीपर हैं। “ओ सुनो” तुम कहां जा रही हो?
विवाह के गीतों और लोरियों के गीतों में दुख का अलाप है। आज आनंदमय दिन है कल मृत्यु की हवा चलेगी अर्थात आज की खुशी कल दुख का कारण बनेगी। क्योंकि इन सब चीजों से जहां पर झरने गिरते हैं, स्वर कहीं अधिक मधुर है। हे मां मेरी, मैं नहीं रुक सकती, परियों का समूह मुझे बुला रहा है।
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Sarojini Naidu Biography rivet Hindi Quotes
- जो लोग दुसरो की मदद करते हैं, भगवान उनकी मदद करता हैं।
- देश को बीमारी से साफ़ करने से पहले, भारत में पुरुषो की एक नई नसल की सख्त जरुरत है।
- एक देश की महानता,बलिदान और प्रेम उस देश के आदर्शों पर निहित करता है।
- यदि आदमी देश की शान है तो, और औरत उस देश की नीव है।
- अगर आप औरो से ताकतवर हैं तो आपको औरो की मदद करनी चाहिए।
- जब अत्याचार होता है, केवल आत्म-सम्मान की बात उठती है और कहते हैं कि यह आज समाप्त हो जाएगा, क्योंकि मेरा अधिकार न्याय है।
- यदि आप मजबूत हैं, तो आपको कमजोर लड़के या लड़की को खेलने और काम में दोनों में इनकी मदद करनी होगी।
- जो लोग खूबसूरत होते हैं, वो हमेशा अच्छे नहीं होते हैं, और जो लोग अच्छे होते हैं, वो हमेशा खूबसूरत नहीं होते हैं।
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Sarojini Naidu Books in Hindi
Books | प्रकाशित होने का वर्ष | |
1. | स्वर्णिम दहलीज | |
2. | समय का पंछी: जीवन, मृत्यु और बसंत के गीत | |
3. | द ब्रोकन विंग: सांग्स ऑफ लव, डेथ एंड डेस्टिनी | |
4. | Speeches and Pamphlets of Sarojini Naidu | |
5. | इन द बाज़ार्स ऑफ़ हैदराबाद | |
6. | Songs of Nature With an Introduction by Edmund Gosse | |
7. | सरोजिनी नायडू, सिलेक्टेड पोएट्री एंड प्रोज़सरोजिनी नायडू द्वारा पुस्तक | |
8. | The Pigeon of Time Songs of Life, Death & The Spring: With a Chapter from Studies forget about Contemporary Poets by Mary Catchword. Sturgeon |
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सरोजिनी नायडू की मृत्यु
देश को आजादी मिलने के बाद वर्ष उनको उत्तर प्रदेश का गवर्नर बनाया गया था। वह भारत देश के पहली महिला थी जो गवर्नर बनी थी। ऑफिस में काम करते समय उन्हें अचानक से हार्ट अटैक आया और 2 मार्च को उनका निधन हो गया। उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत देश को न्यौछावर किया था। वह हमेशा महिलाओं की स्वतंत्रता के लिए अपनी आवाज उठाती रही। 13 फरवरी को भारत सरकार ने उनकी जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में 15 नए पैसे का एक डाकटिकट भी जारी किया।
15 Chief Question for Sarojini Naidu Account in Hindi
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सरोजिनी नायडू से जुड़ी कुछ बातें
- सरोजिनी नायडू की प्रथम कविता संग्रह द गोल्डन थ्रेडहोल्ड था।
- सरोजिनी नायडू को द नाइटिंगेल ऑफ़ इंडिया भी कहा जाता था।
- सरोजिनी नायडू ने 13 वर्ष की आयु में लेडी ऑफ दी लेक नामक कविता की रचना की।
- सरोजिनी की कविता बर्ड ऑफ टाइम तथा ब्रोकन विंग ने उन्हें एक सुप्रसिद्ध कवयित्री का खिताब दे दिया।
- सरोजिनी नायडू ने में डॉ॰ गोविंदराजुलू नायडू से विवाह किया।
- 12 वर्ष की आयु में उन्होंने 12वीं कक्षा पास कर ली थी।
- सरोजिनी नायडू का मेहर मुनीर फारसी नाटक सुप्रसिद्ध था।
सरोजिनी नायडू को मिले पुरस्कार और सम्मान
- ब्रिटिश सरकार ने सरोजनी नायडू को प्लेग महामारी से लोगों को बचाने के लिए उन्हें कैसर ए हिंद पुरस्कार से सम्मानित किया था।
- 13 फरवरी को भारत सरकार ने उनकी जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में 15 नए पैसे का एक डाकटिकट भी जारी किया था।
फियरलेस इंडियन पॉलिटिकल एक्टिविस्ट से सीखने योग्य 10 बातें
- अपने कैरियर के बारे में भावुक हो
- देश प्रेम
- दृढ़ निश्चय करना चाहिए
- महिला सशक्तिकरण
- अपनी आवाज उठाए
- एकता की शक्ति को जानें
- ताकतवर लोगों के सामने सत्य कहने की क्षमता होनी चाहिए।
- कृतज्ञता
- दूसरों की मदद करनी चाहिए
- निष्ठा
सरोजिनी नायडू पर निबंध
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, को हुआ था। कोकिला, जिन्होंने अपनी कालातीत रचनाओं के साथ लाखों दिलों को छू लिया था। वह एक महान कवयित्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और एक कुशल राजनीतिज्ञ थी। वहीं उन्हें ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ (INC) की पहली महिला प्रेसिडेंट भी बनाया गया था और वर्ष तक वे इस पद पर बनी रहीं। इसके अलावा, वह भारत की प्रथम महिला राज्यपाल भी थी। सरोजिनी एक साहित्यिक कौतुक थी और हिंदी, अंग्रेजी, फारसी, उर्दू, तेलुगु और बंगाली में कुशल थी। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय, किंग्स कॉलेज लंदन में अध्ययन किया, और कैम्ब्रिज के गिर्टन कॉलेज में आगे की पढ़ाई भी की। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और गांधी के सत्याग्रह आंदोलन में शामिल होकर आंदोलन में भाग लिया था।
उनके साहित्यिक कार्यों को दुनिया भर में विभिन्न लोगों द्वारा सराहा जाता है। उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाओं में “हैदराबाद के बाज़ारों में”, “द गोल्डन थ्रेशोल्ड”, द बर्ड ऑफ टाइम, द क्वीन्स राइवल, द रॉयल टॉब्स ऑफ गोलकोंडा आदि शामिल हैं। देश को आजादी मिलने के बाद वर्ष उनको उत्तर प्रदेश का गवर्नर बनाया गया था। वह भारत देश के पहली महिला थी जो गवर्नर बनी थी। ऑफिस में काम करते समय उन्हें अचानक से हार्ट अटैक आया और 2 मार्च को उनका निधन हो गया। उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत देश को न्यौछावर किया था। वह हमेशा महिलाओं की स्वतंत्रता के लिए अपनी आवाज उठाती रही। 13 फरवरी को भारत सरकार ने उनकी जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में 15 नए पैसे का एक डाकटिकट भी जारी किया।
FAQs
उत्तर: सरोजिनी नायडू एक मशहूर कवयित्री, स्वतंत्रता सेनानी और अपने दौर की महान वक्ता भी थीं। उन्हें भारत कोकिला के नाम से भी जाना जाता था।
उत्तर: से तक संयुक्त प्रांत की राज्यपाल बनी।
उत्तर: भारत कोकिला के नाम से प्रसिद्ध श्रीमती सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी को हैदराबाद में हुआ था।
उत्तर: सरोजिनी नायडू ने देश की आजादी के संघर्ष में शिरकत की और आजादी के बाद उन्हें यूनाइटेड प्राविंसेज (वर्तमान में उत्तर प्रदेश) का राज्यपाल बनाया गया।
उत्तर: में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया और वे इस संगठन की प्रथम महिला अध्यक्ष थीं। साल में लंदन में आयोजित हुई भारतीय गोलमेज सम्मेलन की प्रतिनिधि रहीं।
उत्तर: सरोजिनी नायडू ने गांधीजी के अनेक सत्याग्रहों में भाग लिया और भारत छोड़ो आंदोलन में वे जेल भी गईं।
प्रश्न 7:सरोजिनी नायडू को नाइटिंगेल ऑफ इंडिया क्यों कहा जाता है?
उत्तर:उनकी प्रभावी वाणी और ओजपूर्ण लेखनी के कारण नाइटिंगेल ऑफ इंडिया कहा गया।
प्रश्न 8:भारत की कोकिला का अर्थ क्या है?
उत्तर: वर्ष में सरोजिनी नायडू को कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और, जब भारत ने अपनी स्वतंत्रता हासिल की, तो में संयुक्त प्रांत की राज्यपाल बनीं। एक कवि के रूप में नायडू के साहित्यिक कार्य ने उन्हें रंग, कल्पना और गीतात्मकता के कारण गांधी द्वारा भारत की कोकिला उपनाम दिया।
प्रश्न 9:भारत में महिला दिवस की शुरुआत किसने की?
उत्तर: 13 फरवरी को सरोजिनी नायडू की जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाता है। यह दिन पितृसत्तात्मक भारतीय समाज में महिलाओं के अधिकारों को स्थापित करने के लिए सरोजिनी नायडू द्वारा दिए गए अद्वितीय योगदान का प्रतीक है।
प्रश्न 10:भारत की पहली कोकिला कौन है?
उत्तर:सरोजिनी नायडू , जिन्हें भारत की कोकिला भी कहा जाता है, एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ थीं, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
आशा है आपको महान स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध व्यक्तियों केजीवन परिचय के बारे पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।